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(फोटो- एकोडेसिवा फेटिश मार्केट, अफ्रीका)
लाइफस्टाइल डेस्क: आज भी दुनिया में कई जगह अपनी भूत-प्रेत की कहानियों को लेकर प्रसिद्ध हैं। ये जगहें अब इतनी वीरान और सुनसान हैं कि यहां शायद ही कोई अकेले जाने की हिम्म्त करे, जैसे राजस्थान का भानगढ़ किला और दिल्ली की जमली कमली मज़्जिद। ये ऐसी जगहे हैं, जो अभी भी अपनी भुतहा और डरावनी कहानियों के लिए लोगों के बीच चर्चा में रहती हैं। आज हम आपको दुनिया की ऐसी 12 जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां लोग जाने के बारे में सोचते ही घबराने लगते हैं। इनमें से कुछ जगहें अब खंडहर बन चुकी हैं, लेकिन इनका इतिहास दहला देने वाला है।
1. एकोडेसिवा फेटिश मार्केट, अफ्रीका
टोगो का यह बाज़ार जादू-टोना करने वालों के बीच प्रसिद्ध है। यहां लोग बुरी शक्तियों से पीछा छुड़ाने आते हैं, यानी टोना करने के लिए सामान खरीदने आते हैं। यहां काले जादू से जुड़ी हर चीज़ मिलती है। इस अफ्रीकन मार्केट में ज्यादातर पशुओं के अंग बिकते हैं।
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ओकिगहार, जापान
यह जगह ओकिगहारा सुसाइड फॉरेस्ट नाम से फेमस है। यह दुनिया की सबसे मशहूर सुसाइड लोकेशन में से एक है। यहां 2002 में ही 78 लोगों ने सुसाइड की थी।
जापान के ज्योतिषियों का विश्वास है कि जंगलों में आत्महत्या के पीछे पेड़ों पर रहने वाली विचित्र शक्तियों का हाथ है, जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम देती रही हैं।
कई लोग जो इस जंगल में एक बार प्रवेश कर जाते हैं, उन्हें ये शक्तियां बाहर निकलने नहीं देती हैं।
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भानगढ़, राजस्थान, भारत
भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सूरज ढलने के बाद और उसके उगने से पहले किले के अंदर घुसने पर पाबंदी लगा रखी है। ऐसा माना जाता है कि यहां 16वीं शताब्दी में कत्लेआम हुआ था और तभी से यहां रात में उनकी आत्माओं का चीखें सुनाई देती हैं और रूहें घुमती हुई नज़र आती हैं। इसीलिए यहां रात के समय आने-जाने की पाबंदी है।
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डोर टू हेल, तुर्कमेनिस्तान
इसे डोर टू हेल नाम से जाना जाता है। पिछले चालीस सालों से इस जगह पर जमीन में से आग निकल रही है। इसे देखने के लिए हर साल 15 हज़ार तक टूरिस्ट आते हैं।
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हाशिमा आइलैंड, जापान
यह वीरान आइलैंड नागासाकी से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। 1890 में इसे मित्सुबिशी कॉरपोरेशन ने अंडर वाटर कोल माइनिंग के लिए खरीदा था। इस दौरान एक्सिडेंट्स
और बेकार रहन-सहन के चलते यहां हज़ारों कैदियों की मौत हो गई। इस वजह से 1974 में इसे बंद कर दिया गया। 35 साल बाद 2009 में फिर से इसे दर्शकों के लिए खोला गया। इसी वजह से इस जगह को जापान की सबसे खतरनाक जगहों में से एक माना जाता है।
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